सोमक (सौदास पौत्र)

Disamb2.jpg सोमक एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सोमक (बहुविकल्पी)

सोमक का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। विष्णु पुराण के अनुसार यह यह पुरुवंशोत्पन्न सौदास के पौत्र तथा सहदेव के पुत्र का नाम है, जो सौ पुत्रों का पिता था।

  • इनके पुत्रों में जन्तु सबसे बड़ा तथा पृषत सबसे छोटा था।
  • पृषत के पुत्र का नाम द्रुपद था, जो धृष्टद्युम्न का पिता था।[1]
  • महाभारत वन पर्व के अनुसार यह यम की सभा में रहकर यम की उपासना करते थे।
  • ये पांचाल देश के सुप्रसिद्ध दानी राजा थे।
  • इन्होंने सौ पुत्रों की प्राप्ति के लिए अपने इकलौते पुत्र की बलि देकर यज्ञानुष्ठान किया था तथा इनको सौ पुत्रों की प्राप्ति हुई थी।
  • इन्होंने अपने पुरोहित के साथ नरक और पुण्य-लोकों को भोगकर छुटकारा पाया था।[2]
  • महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार इन्होंने अपने जीवन में कभी मांस-भक्षण नहीं किया था।
  • गोदान से इन्हें स्वर्ग प्राप्त हुआ था।[3]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 538 |

  1. विष्णु पुराण 4.19.71-73
  2. महाभारत वन पर्व 128.2-18
  3. महाभारत अनुशासन पर्व 76.25-27; 115.63

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः