उर्वी

उर्वी हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुसार पृथ्वी के कई नामों में से एक है।

  • महाभारत शांतिपर्व के अनुसार- कालक्रम से दुरात्मा मनुष्य अपने अत्याचारों से पृथ्वी को पीड़ित करने लगे थे। इस उलट फेर से पृथ्वी शीघ्र ही रसातल में प्रवेश करने लगी; क्योंकि उस समय धर्मरक्षक क्षत्रियों द्वारा विधिपूर्वक पृथ्वी की रक्षा नहीं की जा रही थी। भय के मारे पृथ्वी को रसातल की ओर भागती देख कश्यप ने अपने ऊरूओं का सहारा देकर उसे रोक दिया। कश्यप ने ऊरू से इस पृथ्वी को धारण किया था; इसलिये यह 'उर्वी' नाम से प्रसिद्ध हुई।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 25 |

  1. महाभारत शान्ति पर्व अध्याय 49 श्लोक 66-89

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