घोषा ऋग्वेद के अनुसार एक महिला ऋषि थीं। वहाँ दो मंत्रों में घोषा को अश्विनीकुमारों द्वारा संरक्षित कहा गया है। सायण के मतानुसार उसका पुत्र सुहस्त्य ऋग्वेद के एक अस्पष्ट मंत्र में उद्धृत है।
- घोषा कक्षीवान की पुत्री बताई गई है। वह समस्त आश्रमवासियों की लाडली थी, किंतु बाल्यावस्था में ही रोग से उसका शरीर विकृत हो गया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|