उद्दालक वायुपुराणानुसार एक ऋषि थे, जिनका आश्रम हिमालय के पूर्व तट पर स्थित था, जिसे 'कलापग्राम' कहते हैं। इनके पुत्र श्वेतकेतु बड़े प्रसिद्ध हुए थे।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वायुपुराण 41.44.
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उद्दालक वायुपुराणानुसार एक ऋषि थे, जिनका आश्रम हिमालय के पूर्व तट पर स्थित था, जिसे 'कलापग्राम' कहते हैं। इनके पुत्र श्वेतकेतु बड़े प्रसिद्ध हुए थे।[1]
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