सांकृति | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सांकृति (बहुविकल्पी) |
सांकृति का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत शान्ति पर्व के अनुसार ये एक अत्रिवंशज ऋषि थे, जिन्होंने शिष्यों को निर्गुण ब्रह्म का उपदेश देकर उत्तम लोक को प्राप्त किया था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 517 |
- ↑ महाभारत शान्ति पर्व 234.22
संबंधित लेख
|