त्रित हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक तपस्वी ऋषि थे।
- महर्षि त्रित के द्वित और एकत दो भाई थे, जो ऋषि थे।[1]
- त्रित यज्ञ कराने में कुशल तथा वेदों के परिनिष्ठित विद्वान थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शान्ति पर्व अध्याय 336 श्लोक 1-19
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