आस्तीक हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य 'महाभारत' के उल्लेखानुसार एक ऋषि थे। ये जरत्कारु ऋषि और वासुकि नाग की बहन जरत्कारु के पुत्र थे। आस्तीक जनमेजय के सर्पयज्ञ में सर्पों के रक्षक थे।
- इन्हें भी देखें: जनमेजय
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 20 |
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