कश्यप

कश्यप प्राचीन वैदिक ऋषियों में से एक थे, जिनका उल्लेख पुराणों में हुआ है। ऋग्वेद के अतिरिक्त अन्य संहिताओं में भी यह नाम बहुप्रयुक्त है। इन्हें सर्वदा धार्मिक एंव रहस्यात्मक चरित्र वाला बतलाया गया है एंव अति प्राचीन कहा गया है। कश्यप के पुत्र काश्यप थे, जिन्हें पाँच अग्नियों में से एक माना जाता है।[1]

  • महाभारत एवं पुराणों में असुरों की उत्पत्ति एवं वंशावली के वर्णन में कहा गया है कि- "ब्रह्मा के छः मानस पुत्रों में से एक मरीचि थे, जिन्होंने अपनी इच्छा से कश्यप नामक प्रजापति पुत्र उत्पन्न किया था।
  • कश्यप ने दक्ष प्रजापति की 17 पुत्रियों से विवाह किया। दक्ष की इन पुत्रियों से जो सन्तान उत्पन्न हुई, उसका विवरण निम्नांकित है-
  1. अदिति से आदित्य (देवता)
  2. दिति से दैत्य
  3. दनु से दानव
  4. काष्ठा से अश्व आदि
  5. अनिष्ठा से गन्धर्व
  6. सुरसा से राक्षस
  7. इला से वृक्ष
  8. मुनि से अप्सरागण
  9. क्रोधवशा से सर्प
  10. सुरभि से गौ और महिष
  11. सरमा से श्वापद (हिंस्त्र पशु)
  12. ताम्रा से श्येन-गृध्र आदि
  13. तिमि से यादोगण (जलजन्तु)
  14. विनता से गरुड़ और अरुण
  15. कद्रु से नाग
  16. पतंगी से पतंग
  17. यामिनी से शलभ[2]
  • 'भागवत पुराण' तथा 'मार्कण्डेय पुराण' के अनुसार कश्यप की तेरह भार्याएँ थीं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत वन पर्व अध्याय 220 श्लोक 1-15
  2. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 170 |

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