भरद्वाज नामक एक ऋषि का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। महाभारत के अनुसार भारद्वाज प्राचीन समय के सुप्रसिद्ध ऋषि थे। इनके पिता का नाम बृहस्पति और माता का नाम ममता था।
- महर्षि भारद्वाज ऋग्वेद के छठे मण्डल के द्रष्टा कहे गये हैं। इस मण्डल में भारद्वाज के 765 मन्त्र हैं।
- अथर्ववेद में भारद्वाज के 23 मन्त्र मिलते हैं।
- वैदिक ऋषियों में भारद्वाज-ऋषि का अति उच्च स्थान है।
- महर्षि भारद्वाज ऐसे पहले विमान-शास्त्री हैं, जिन्होंने अगस्त्य के समय के विद्युत ज्ञान को विकसित किया, तब उसकी संज्ञा विद्युत, सौदामिनी, हलालिनी आदि वर्गीकृत नामों से की जाने लगी।
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