देवल नाम के दो ऋषि प्रसिद्ध हुए हैं। हरिवंश पुराण के अनुसार एक देवल प्रत्यूषवसु के पुत्र हुए और दूसरे असित के पुत्र थे। ये दूसरे देवल अप्सरा रंभा के शाप से 'अष्टावक्र' हो गए थे। 'गीता' के अनुसार यही देवल धर्मशास्त्र के प्रवक्ता थे।
- इन्होंने हूहू गंधर्व को शाप दिया था। यह कश्यप गोत्र का एक मंत्रकार एवं प्रवर था।[1]
- इनका छोटा भाई धौम्य था।
- देवल ऋषि ने देवल स्मृति की रचना की है।
- देवल वेदव्यास के शिष्य थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भागवत पुराण 8.4
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