सुतपा का उल्लेख ब्रह्म वैवर्त पुराण में हुआ है। ब्रह्म वैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार यह एक ब्राह्मण थे।
- यह भरद्वाज कुल में उत्पन्न बहुत बड़े मुनि थे।
- सुतपा ने हिमालय पर रहकर भगवान श्रीकृष्ण[1] की प्रसन्नता के लिये दीर्घकाल तक तपस्या की थी।
- यह महातपस्वी और तेजस्वी मुनि ब्रह्मतेज से जाज्वल्यमान दिखायी देते थे।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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- ↑ विष्णु
- ↑ ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 40