पुरूरवा

Disamb2.jpg पुरूरवा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पुरूरवा (बहुविकल्पी)

पुरूरवा या 'पुरुरवा' प्राचीन समय के प्रसिद्ध राजा थे, जो बुध[1] तथा इला[2] के पुत्र थे। इनकी राजधानी प्रतिष्ठानपुर में गंगा नदी के तट पर प्रयाग में थी।[3]

  • हरिवंश पुराण तथा अन्य पुराणों के अनुसार बृहस्पति की पत्नी तारा और चंद्रमा के संयोग से बुध उत्पन्न हुए, जो चंद्रवंश के आदि पुरुष थे। बुध का इला के साथ विवाह हुआ, जिसके गर्भ से पुरूरवा उत्पन्न हुए, जो बड़े बुद्धिमान तथा रूपवान थे।[4]
  • पुरूरवा रूपवान और पराक्रमी थे। नारद के मुख से देवसभा में इनके गुणों का बखान सुनकर उर्वशी इन पर मुग्ध हो गई थी, और वह भू-लोक पर आने के लिए लालायित हो उठी।
  • ऋग्वेद तथा श्रीमद्भागवत में पुरूरवा की कथा थोड़े-से अंतर के साथ आती है। ऋग्वेद में स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी और मर्त्यलोक के पुरूरवा के प्रेम प्रसंग की अजर-अमर कथा इन्द्रलोक और पृथ्वीलोक के अंतर्सबंधों की स्पष्ट झलक प्रस्तुत करती है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐल
  2. सुद्यम्न स्त्री रूप में
  3. मत्स्यपुराण 12.15; भागवतपुराण 9.1.35, 42; ब्रह्मांडपुराण 3.65.45-6; 66.1.2.; 19-22; वायुपुराण 1.106; विष्णुपुराण 4.1.12.16
  4. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 315 |

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