शमीक हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक प्रसिद्ध क्षमाशील तप:प्रभावसम्पन्न ऋषि थे।
- शमीक ऋषि के गले में परीक्षित ने मरा हुआ सर्प डाल दिया था। यह तो कुछ ना बोले, किंतु इनके पुत्र श्रृंगी ऋषि ने परीक्षित को शाप दे दिया, जिसके कारण तक्षक नाग के काटने से परीक्षित की मृत्यु हुई।[1][2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भागवत पुराण 1.18.24-50
- ↑
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 488 |
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज