कुम्भकर्ण हिन्दू पौराणिक ग्रंथ 'रामायण' के अनुसार रावण का भाई तथा विश्रवा का पुत्र था। ये जन्म से ही अत्यधिक बलवान था। उसने जन्म लेते ही कई हज़ार प्रजाजनों को खा डाला था।
- कुंभकर्ण की ऊंचाई छह सौ धनुष तथा मोटाई सौ धनुष थी। उसके नेत्र गाड़ी के पहिये के बराबर थे।[1]
- उसने ऐरावत हाथी के दांत को तोड़कर उससे इन्द्र पर प्रहार किया। उससे इन्द्र जलने लगा।[2]
- इन्द्र से कुंभकर्ण का युद्ध हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वाल्मीकि रामायण सर्ग 65, श्लोक 41
- ↑ वाल्मीकि रामायण, युद्ध कांड, सर्ग 61, श्लोक 12 से 28 तक
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