ऋष्यमूक नामक पर्वत का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य रामायण में हुआ है। रामायण के अनुसार यह पर्वत वानरों की राजधानी किष्किंधा के निकट स्थित था।
- 'रामायण' के उल्लेखासार ऋष्यमूक पर्वत पर ऋषि मतंग का आश्रम था।
- इसी पर्वत पर श्रीराम की हनुमान से भेंट हुई थी। जब महाबलि बालि ने अपने भाई सुग्रीव को मारकर किष्किंधा से भगा दिया तो वह ऋष्यमूक पर्वत पर ही आकर छिपकर रहने लगा था।
- ऋष्यमूक पर्वत रामायण की घटनाओं से सम्बद्ध दक्षिण भारत का पवित्र पर्वत है। यहीं सुग्रीव और श्रीराम की मैत्री हुई थी।
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 27 |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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