सत्या का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह धर्म पुत्री थी।
- इनके रुप और गुणों की कहीं तुलना नहीं थी। वह सदा सत्य के पालन में तत्पर रहती थी।
- इनका विवाह शंयु के साथ हुआ था।
- शंयु तथा सत्या से एक अग्रिस्वरुप पुत्र तथा उत्तम व्रत का पालन करने वाली तीन कन्याएँ हुई।[1]