शतमुख

शतमुख का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुशासन पर्व[1] में हुआ है।

  • यह एक महान असुर था, जिसने सौ वर्षों तक अपने मांस की अहुति दी थी।
  • इससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने वर दिया था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 486 |

  1. महाभारत अनुशासन पर्व 14.84.87

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