श्रृंगी नामक एक ऋषि का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत आदि पर्व के अनुसार यह शमीक के पुत्र थे। पिता शमीक के गले में मरा साँप डाल देने के कारण इन्हें महान दु:ख और क्रोध हुआ था। इन्हीं के शाप से अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित को तक्षक ने डंसा था।
- गुरु की सेवा से लौटते समय अपने सखा के मुख से अपने पिता के गले में परीक्षित द्वारा मृत सर्प डालने का समाचार सुनकर श्रृंगी ऋषि ने सातवें दिन सर्पदंश से मरने का शाप परीक्षित को दिया था।
- परीक्षित जैसे धर्मात्मा राजा को शाप देने के कारण शमीक ऋषि पुत्र श्रृंगी से बहुत नाराज हुए और कहा कि- "छोटे अपराध के लिए इतना बड़ा शाप देकर तुमने बहुत अनुचित किया।"[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 499 |
- ↑ भागवत पुराण 1.18.25-51; महाभारत आदि पर्व 40.25; 41.14
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