हेमांगद वसुदेव तथा रोचा, जो कि उनकी कई पत्नियों में से एक थी, के पुत्र थे। हस्त के अतिरिक्त वसुदेव जी ने रोचा के गर्भ से हस्त नामक पुत्र भी प्राप्त किया था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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हेमांगद वसुदेव तथा रोचा, जो कि उनकी कई पत्नियों में से एक थी, के पुत्र थे। हस्त के अतिरिक्त वसुदेव जी ने रोचा के गर्भ से हस्त नामक पुत्र भी प्राप्त किया था।[1]
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