चित्रकेतु भागवतपुराणानुसार वसुदेव जी के छोटे भाई देवभाग और कंसा के पुत्र थे।[1][2]
- देवकी की अंतिम संतान सुभद्रा कारागार से बाहर हुई, लेकिन वसुदेव अपने ब्रज में बस रहे पुत्रों के चिंतन में रहे। उनके किसी पत्नी से उस काल में, राम-श्याम के ब्रज में रहते कोई संतान नहीं हुई।
- इस काल में वसुदेव के भाइयों में अनेकों पुत्र हुए। मथुरा में और मथुरा के बाहर जहाँ उन्होंने शरण ली थी, वहाँ भी हुए।
- वसुदेव के छोटे भाई देवभाग के पुत्र चित्रकेतु और बृहद्बल थे। बृहद्बल का ही नाम उद्धव है और वे श्रीकृष्ण से कुछ माह ही छोटे थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भागवतपुराण 9.25.40
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 173 |
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