अंधक संघ

अंधक संघ महाभारतकालीन एक गणराज्य था, जिसकी स्थिति यमुना तट पर थी। यह मथुरा के परवर्ती प्रदेश में सम्मिलित था।

'मतंगवाप्यां य: स्नानादेकरात्रेण सिद्धयति, विगाहति ह्यनालंबमंधकं वै सनातनम्'।
'यादवा: कुकुरा भोजा: सर्वे चांधकवृष्णय:, त्वय्यासक्ता: महाबाहो लोका लोकेश्वराश्च ये।'
  • कृष्ण को इस प्रसंग में संघमुख्य भी कहा गया है-
'भेदाद् विनाश: संघानां संघ मुख्योसिकेशव[2]

इससे सूचित होता है कि अंधक तथा वृष्णि गणराज्य थे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शान्ति पर्व महाभारत 81, 29
  2. (महाभारत शांति पर्व 81,25)

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