गोपाष्टमी
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अनुयायी | हिंदू, भारतीय |
उद्देश्य | गो-संवर्धन की तरफ ध्यान आकृष्ट करना। |
प्रारम्भ | कृष्ण काल |
तिथि | कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी |
उत्सव | इस दिन गायों को नहलाकर नाना प्रकार से सजाया जाता है और मेंहदी के थापे तथा हल्दी रोली से पूजन कर उन्हें विभिन्न भोजन कराये जाते हैं। |
अद्यतन | 17:04, 23 जुलाई 2016 (IST)
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गोपाष्टमी ब्रज में संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्रीकृष्णजी का अतिप्रिय नाम 'गोविन्द' पड़ा। कार्तिक, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। 8वें दिन इन्द्र अहंकार रहित होकर भगवान की शरण में आये। कामधेनु ने श्रीकृष्ण का अभिषेक किया और उसी दिन से इनका नाम गोविन्द पड़ा। इसी समय से अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है।
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