सुदेवी सखी राधा जी की 'अष्टसखियों' में से एक थीं।[1] राधा जी की सबसे छोटी सखी सुदेवी इतना अच्छा सितार बजाती थीं कि भगवान कृष्ण ने उन्हें अपनी नित्य लीलाओं में वाम स्थान दिया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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सुदेवी सखी राधा जी की 'अष्टसखियों' में से एक थीं।[1] राधा जी की सबसे छोटी सखी सुदेवी इतना अच्छा सितार बजाती थीं कि भगवान कृष्ण ने उन्हें अपनी नित्य लीलाओं में वाम स्थान दिया था।
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