कूट एक पहलवान (मल्ल) था। वह मथुरा के राजा कंस का मित्र था।
- जब कंस ने छलपूर्वक कृष्ण-बलराम को मथुरा बुलाया, तब उसने दोनों भाइयों के वध हेतु एक रंगशाला का निर्माण किया और धर्नुयाग का आयोजन किया।
- मुष्टिक का वध करने के बाद योद्धाओं में श्रेष्ठ बलराम जी ने अपने सामने आते ही कूट को खेल-खेल में ही बायें हाथ के घूँसे से उपेक्षापूर्वक मार डाला।