पुरु | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पुरु (बहुविकल्पी) |
पुरु वसुदेव तथा सहदेवा के पुत्र थे।[1] देवी सहदेवा ने वसुदेव के आठ पुत्रों को जन्म दिया था, जिनमें पुरु तथा विश्रुत मुख्य थे। सहदेवा के ये आठों पुत्र इतने धर्मात्मा थे कि लोग इन्हें साक्षात धर्म का अवतार एवं अष्टवसुओं का अंश कहते थे।[2][3]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भागवतपुराण 9.24.52-53
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 314 |
- ↑ भगवान वासुदेव -सुदर्शन सिंह चक्र पृ. 244
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