वार्ष्णेय | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वार्ष्णेय (बहुविकल्पी) |
वार्ष्णेय हिन्दू देवता भगवान श्रीकृष्ण का ही एक अन्य नाम है। वृष्णि के वंशज होने के कारण श्रीकृष्ण को यह नाम प्राप्त हुआ था।
- अंधक के वंश में कुकुर हुआ था। कुकुर की कई पीढ़ी बाद आहुक हुआ, जिसके दो पुत्र उग्रसेन और देवक हुए।
- कंस उग्रसेन का पुत्र था और देवक की पुत्री देवकी थी।
- उग्रसेन, देवक और कंस अपने पूर्वज अंधक और कुकुर के नाम पर 'अंधक वंशीय' अथवा 'कुकुर वंशीय' कहलाते थे।
- अंधक के भाई वृष्णि के दो पुत्र हुए, जिनके नाम देवमीढूष और युधाजित थे। देवमीढूष के पुत्र श्वफल्क और उनके पुत्र अक्रूर थे। वृष्णि के वंशज 'वाष्णि वंशीय' अथवा 'वार्ष्णेय' कहलाते थे।
- इन्हें भी देखें: वृष्णि संघ
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 97 |
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