वृषभेक्षण का उल्लेख पौराणिक ग्रन्थ महाभारत में हुआ है। ये श्रीकृष्ण का ही एक नाम है।
- 'महाभारत उद्योग पर्व' में संजय ने राजा धृतराष्ट्र से कमलनयन भगवान श्रीकृष्ण के नामों का वर्णन कहा है, जहाँ उनका एक नाम 'आर्षभ' भी लिया गया है।
- 'आर्ष' कहते हैं वेद को, उससे भासित होने के कारण ही भगवान का एक नाम 'आर्षभ' है। आर्षभ के योग से ही वे वृषभेक्षण कहलाते हैं। 'वृषभ' का अर्थ है वेद, वही ईक्षण-नेत्र के समान उनका ज्ञापक है; इस व्युत्पत्ति के अनुसार वृषभेक्षण नाम की सिद्धि होती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 101 |
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