नरकासुर पुराणानुसार एक असुर था, जिसे भौमासुर भी कहा गया है। इसे पृथ्वी के गर्भ से उत्पन्न भगवान विष्णु का पुत्र कहा जाता है। नरकासुर 'वराह अवतार' के समय पैदा हुआ था, जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी का उद्धार किया।[1] अत: यह पृथ्वी का पुत्र था। बाणासुर की संगति में पड़कर नरकासुर दुष्ट हो गया था, जिस कारण वसिष्ठ ने उसे विष्णु के हाथों मारे जाने का शाप दिया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भागवत 10.59.14-30; 65(5) 1.
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