हलाहल विष देवताओं और असुरों द्वारा मिलकर किये गए समुद्र मंथन के समय निकला था।
- समुद्र मंथन के फलस्वरूप जो चौदह मूल्यवान वस्तुएँ प्राप्त हुई थीं, उनमें से हलाहल विष सबसे पहले निकला था।
- इस विष की ज्वाला बहुत तीव्र थी। समस्त जगत की रक्षा हेतु भगवान शिव ने इसे पी लिया था।
- भगवान श्रीकृष्ण को उनके बाल्यकाल में मारने हेतु राक्षसी पूतना ने हलाहल विष ही अपने स्तनों पर लगाया था।