प्रमद्वरा

प्रमद्वरा हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार मेनका अप्सरा की पुत्री थी जो विश्वावसु द्वारा मेनका के गर्भ से उत्पन्न हुई थी।

  • मेनका ने 'प्रमद्वरा' को स्थूलकेश मुनि के आश्रम के निकट जन्म दिया था, और उसे वही छोड़कर चली गयी थी।
  • प्रमद्वरा बुद्धि, रूप और सब उत्तम गुणों से सुशोभित हो संसार की समस्त प्रमदाओं सुन्दरी स्त्रियों से श्रेष्ठ जान पड़ती थी, इसलिये महर्षि ने उसका नाम ‘प्रमद्वरा’ रख दिया था।[1]
  • धर्मात्मा रुरु से प्रमद्वरा का विवाह हुआ था तथा ब्रह्मर्षि शुनक ने इसी के गर्भ से जन्म लिया था।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत आदि पर्व अध्याय 8 श्लोक 1-19
  2. महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 30 श्लोक 59-67

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