शालिहोत्र | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- शालिहोत्र (बहुविकल्पी) |
शालिहोत्र हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक मुनि थे, जिनके आश्रम में श्री व्यास जी ठहरे थे।
- शालिहोत्र के आश्रम के पास एक सरोवर और एक पवित्र वृक्ष था। वह वृक्ष सर्दी गर्मी और वर्षा का सहन भली-भाँति करता था। वहाँ केवल जल पी लेने से भूख-प्यास शांत हो जाती थी। उस सरोवर और वृक्ष का निर्माण श्री 'शालिहोत्र मुनि' ने अपनी तपस्या से किया था।
- ये अश्वविद्या के आचार्य थे। एंव अश्वों की जाति और गुण-अवगुण के पारखी थे।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 492 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व 154.15 और 18 के बाद दक्षिणास्य पाठ
- ↑ वन पर्व 71.27
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