मेरुसावर्णि का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है, जिसके अनुसार ये एक ऋषि थे।
- महाभारत अनुशासन पर्व के अनुसार ये सम्पूर्ण भूतों के श्रृष्टा और लोकपावन बताये गये हैं। संवर्त, मेरूसावर्णि, धर्मात्मा मार्कण्डेय, सांख्य,योग, नारद, महर्षि दुर्वासा- ये सात ऋषि अत्यन्त तपस्वी, जितेन्द्रिय और तीनों लोकों में विख्यात हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 88 |
- ↑ महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 150 श्लोक 22-46
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