कठ हिन्दू पौराणिक ग्रन्थों और मान्यताओं के अनुसार एक ऋषि थे। यह वेद की कठ शाखा के प्रवर्तक थे। पतंजलि के 'महाभाष्य' के मत से कठ वैशंपायन के शिष्य थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 29 |
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