दिवोदास | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- दिवोदास (बहुविकल्पी) |
दिवोदास का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। चन्द्रवंश के प्रसिद्ध राजा केतुमान ही बाद के समय में दिवोदास नाम से प्रसिद्ध हुए थे।
- इनके पुत्र का नाम भीमरथ था, जो आगे के समय में काशी का राजा हुआ।
- धार्मिक ग्रंथ 'वायुपुराण'[1] के उल्लेखानुसार दिवोदास 'धन्वंतरि' के पौत्र कहे जाते हैं।
- महाभारत के अनुसार दिवोदास राजा सुदेव के पुत्र थे।
- इंद्र ने शंबर राक्षसी की 100 पुरियों में से 99 नष्ट करके शेष एक दिवोदास को दी थी।
- दिवोदास का सुदाश नामक एक पुत्र था, जिससे महादेव ने काशी ली थी। काशीखंड के अनुसार पहले इनका नाम रिपुंजय था। नागराज से अनंगमोहिनी नाम की उनकी पुत्री तथा आकाश से देवताओं द्वारा पुष्प और रत्न आदि मिलने के कारण इनका नाम दिवोदास हुआ था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 222 |
- ↑ वायु. 92.6, 18-19