हिरण्यवर्मा

हिरण्यवर्मा का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत उद्योग पर्व के अनुसार ये दशार्ण देश के राजा का नाम है, जिन्होंने अपनी कन्या का विवाह शिखण्डी से किया था।

  • शिखंडी के स्त्रीत्व की जानकारी से कुपित होकर इन्होंने राजा द्रुपद पर चढ़ाई करने का निश्चय किया।
  • राजा द्रुपद की राजधानी के निकट जाकर अपने पुरोहित द्वारा द्रुपद को संदेश भेजा।
  • युवतियों द्वारा शिखंडी की परीक्षा कराकर इन्हें उसके पुंस्त्व की प्रतीति से प्रसन्नता हुई और द्रुपद तथा शिखंडी का सम्मान कर घर लौटे।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 552 |

  1. महाभारत उद्योग पर्व 189.10, 21-22; 190.9-10; 192.20-32

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