चन्द्र देव

Disamb2.jpg चन्द्रदेव एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- चन्द्रदेव (बहुविकल्पी)

चन्द्र देव अथवा 'चन्द्रमा' का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। पौराणिक संदर्भों में इन्हें तपस्वी अत्रि और अनुसूया की संतान बताया गया है।[1] कहीं-कहीं इन्हें धर्मपुत्र, कहीं समुद्र के पुत्र और कहीं प्रभाकर का पुत्र भी कहा गया है। चन्द्र देव का एक नाम 'सोम' भी है।

  • महाभारत में वर्णित अर्जुन के पुत्र वीर अभिमन्यु चन्द्र देव के पुत्र वर्चा के ही अवतार थे। धारणा है कि समस्त देवताओं ने अपने पुत्रों को अवतार रूप में धरती पर भेजा था, परंतु चन्द्र देव ने कहा कि- "वे अपने पुत्र का वियोग सहन नहीं कर सकते, अतः उनके पुत्र को मानव योनि में मात्र सोलह वर्ष की आयु दी जाए।" इसीलिए अभिमन्यु महाभारत युद्ध में अल्प आयु में ही वीरगति को प्राप्त हुए।


Seealso.jpg इन्हें भी देखें: सोम

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 46 |

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