सत्या (धर्म पुत्री)

सत्या का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह धर्म पुत्री थी।

  • इनके रुप और गुणों की कहीं तुलना नहीं थी। वह सदा सत्‍य के पालन में तत्‍पर रहती थी।
  • इनका विवाह शंयु के साथ हुआ था।
  • शंयु तथा सत्या से एक अग्रिस्‍वरुप पुत्र तथा उत्तम व्रत का पालन करने वाली तीन कन्‍याएँ हुई।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत वन पर्व अध्याय 219 श्लोक 1-14

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