गौरी देवी

Disamb2.jpg गौरी एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- गौरी (बहुविकल्पी)

गौरी हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता पार्वती की अनुगामिनी हैं, जिनकी देवी रूप में पूजा की जाती है।

  • पार्वती को माता दुर्गा का रूप कहा जाता है।
  • ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार माता दुर्गा का एक अन्य नाम है।
  • ‘गौर’ शब्द पीले रंग, निर्लिप्त एवं निर्मल परब्रह्म परमात्मा के अर्थ में प्रयुक्त होता है। उन ‘गौर’ शब्दवाच्य परमात्मा की वे शक्ति हैं, इसलिये वे ‘गौरी’ कही गयी हैं। भगवान शिव सबके गुरु हैं और देवी उनकी सती-साध्वी प्रिया शक्ति हैं। इसलिये ‘गौरी’ कही गयी हैं। श्रीकृष्ण ही सबके गुरु हैं और देवी उनकी माया हैं। इसलिये भी उनको ‘गौरी’ कहा गया है।[1]
  • पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा के कई अन्य नाम-
दुर्गा के कई अन्य नाम
दुर्गा नारायणी ईशाना
विष्णुमाया भगवती सर्वाणी
सर्वमंगला अम्बिका शिवा
सती नित्या सत्या
वैष्णवी गौरी पार्वती
सनातनी


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 45 |

  1. ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 390

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