छागमुख | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- छागमुख (बहुविकल्पी) |
छागमुख पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार कार्तिकेय का छठा मुख था, जो छाग[1] के मुख के समान था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 177 |
- ↑ बकरे
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