कपिस्कन्ध

कपिस्कन्ध कुमार कार्तिकेय (स्कंद) के असंख्य सैनिक अनुचरों में से एक का नाम है। इसका उल्लेख 'महाभारत शल्य पर्व' में मिलता है।

  • कुमार कार्तिकेय के अभिषेक समारोह में असंख्य देवी-देवता आदि उपस्थित हुए थे, जिन्होंने कुमार को अनेकों अनुचर आदि प्रदान किये।
  • स्कंद के कुछ सैनिक अनुचरों के नाम इस प्रकार हैं[1]-
स्कंद के सैनिक अनुचरों के नाम
शंकुकर्ण निकुम्भ पद्म
कुमुद अनन्त द्वादशभुज
कृष्ण उपकृष्ण घ्राणश्रवा
कपिस्कन्ध काञ्चनाक्ष जलन्धम
अक्ष संतर्जन कुनदीक
तमोऽन्तकृत एकाक्ष द्वादशाक्ष
एकजट प्रभु सहस्रबाहु
विकट व्याघ्राक्ष क्षितिकम्पन
पुण्यनामा सुनामा सुचक्र
प्रियदर्शन परिश्रुत कोकनद
प्रियमाल्यानुलेपन अजोदर गजशिरा
स्कंधाक्ष शतलोचन ज्वालाजिह
करालाक्ष शितिकेश जटी
हरि पुष्पदन्त कुञ्जल
कृष्णकेश जटाधर चतुर्देष्ट्र
अष्टजिह्व मेघनाद पृथुश्रवा
विद्युताक्ष धनुर्वक्त्र जाठर
मारुताशन उदाराक्ष रथाक्ष
वज्रनाभ वसुप्रभ समुद्रवेग
शैलकम्पी वृष मेष
प्रवाह नंद उपनन्द
धूम्र श्वेत कलिंग
सिद्धार्थ प्रियक गोनन्द
आनन्द प्रमोद स्वस्तिक
ध्रुवक क्षेमवाह सुवाह
सिद्धपात्र गोव्रज कनकापीड
महापरिषदेश्वर गायन हसन
बाण खंग वैताली
गतिताली कथक वातिक
हंसज पंकदिग्धांग समुद्रोन्मादन
रणोत्कट प्रहास श्वेतसिद्ध
नन्दन कालकण्ठ प्रभास
कुम्भाण्डकोदर कालकक्ष सित
भूतमथन यक्षवाह सुवाह
देवयाजी सोमप मज्जान
महातेजा क्रथ क्राथ
तुहर तुहार चित्रदेव
मधुर सुप्रसाद किरीटी
महाबल वत्सल मधुवर्ण
कलशोदर धर्मद मन्मथकर
सूचीवक्त्र श्वेतवक्त्र सुवक्त्र
चारुवक्त्र पाण्डुर दण्डबाहु
सुबाहु रज कोकिलक
अचल कनकाक्ष बालस्वामी
संचारक शाकवक्त्र गृध्रपत्र
जम्बुक लोहवक्त्र अजवक्त्र
जघन कुम्भवक्त्र कुम्भक
स्वर्णग्रीव कृष्णौजा हंसवक्त्र
चन्द्रभ पाणिकूर्च शम्बूक
पञ्चवक्त्र शिक्षक चापवक्त्र
जम्बूक - -


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत शल्य पर्व अध्याय 45 श्लोक 50-85

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