श्रुतकीर्ति | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- श्रुतकीर्ति (बहुविकल्पी) |
श्रुतकीर्ति वसुदेव जी की बहिन थीं, जिनका विवाह कैकय वंश के नरेश धृष्टकेतु के साथ हुआ था।
- यह पाँच भाईयों के पश्चात जन्मी थीं, इसीलिए माता-पिता तथा सब भाईयों की अतिशय स्नेहभाजना थीं।
- श्रुतकीर्ति के पाँच पुत्र हुए, जिनमें ज्येष्ठ सन्तर्दन थे। इनकी कन्या का नाम 'भद्रा' था।[1]