शतानीक | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- शतानीक (बहुविकल्पी) |
शतानीक का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है।
- पुराणानुसार ये जनमेजय के पुत्र तथा सहस्रानीक के पिता थे, जो चौथे युग में चन्द्रवंश के द्वितीय राजा थे।
- मत्स्य पुराणानुसार 50.66,68 के अनुसार यह अधिसोम कृष्ण के पिता थे।
- इन्होंने तीन बड़े-बड़े यज्ञ किये थे। पहला पुष्कर में दूसरा कुरुक्षेत्र में और तीसरा दृषद्वती में हुआ था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 487 |
- ↑ मत्स्य पुराण 50-67