अंगद | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अंगद (बहुविकल्पी) |
अंगद हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार वानरराज बाली के पुत्र थे तथा बाली इनसे सर्वाधिक प्रेम करते थे।
- ये परम बुद्धिमान, अपने पिता के समान बलशाली तथा भगवान श्रीराम के परम भक्त थे।
- अपने छोटे भाई सुग्रीव की पत्नी और सर्वस्व हरण करने के अपराध में भगवान श्रीराम के हाथों बाली की मृत्यु हुई। मरते समय बाली ने भगवान राम को ईश्वर के रूप में पहचाना और अपने पुत्र अंगद को उनके चरणों में सेवक के रूप में समर्पित कर दिया।
- प्रभु राम ने बाली की अन्तिम इच्छा का सम्मान करते हुए अंगद को स्वीकार किया। अंगद को किष्किन्धा राज्य का युवराज बनाया गया।
- सीता की खोज में वानरी सेना का नेतृत्व युवराज अंगद ने ही किया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 10 |
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