प्रियव्रत मनु के सबसे बड़े पुत्र थे। मनु पुत्र प्रियव्रत को सारा राजपाट सौंप देना चाहते थे, लेकिन प्रियव्रत अपने ईष्ट देव की आराधना में ही लगे रहते थे। बाद के दिनों में उन्होंने पिता की बात को मान लिया और विवाह के लिए सहमत हो गये।
- प्रियव्रत ने अपनी पुत्री उर्जस्वती का विवाह दैत्य गुरु शुक्राचार्य के साथ किया था, जिसके फलस्वरूप देवयानी का जन्म हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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