अनंतविजय महाभारत में धर्मराज युधिष्ठिर के शंख का नाम था। महाभारत युद्ध के समय उन्होंने रणभूमि कुरुक्षेत्र में इसे बजाया था। इस शंख की ध्वनि की यह विशेषता मानी जाती है कि इससे शत्रु सेना घबराती है और स्वयं की सेना का उत्साह बढ़ता है।[1]
अनंतविजय महाभारत में धर्मराज युधिष्ठिर के शंख का नाम था। महाभारत युद्ध के समय उन्होंने रणभूमि कुरुक्षेत्र में इसे बजाया था। इस शंख की ध्वनि की यह विशेषता मानी जाती है कि इससे शत्रु सेना घबराती है और स्वयं की सेना का उत्साह बढ़ता है।[1]