आदित्य तीर्थ महाभारत काल में सरस्वती नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थान था, जिसकी यात्रा भगवान श्रीकृष्ण के भ्राता बलराम जी ने अन्य तीर्थों के साथ की थी-
'वनमाली ततो हृष्ट: स्तूयमानो महर्षिभि:,
तस्मादादित्यतीर्थं च जगाम कमलेक्ण:'[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शल्य पर्व 49, 17