रामह्रद महाभारत अनुशासन पर्व में उल्लिखित एक तीर्थ है जो विपाशा या व्यास (पंजाब) के तट पर स्थित रहा होगा।
- इसको परशुराम कुंड भी कहते थे।
- यह विपाशा का ही कोई कुंड जान पड़ता है-
‘रामह्नद उपस्पृश्य विपाशायां कृतोदकः, द्वादशाहं निराहारः कल्पषाद् प्रमुच्यते’ [1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अनुशासन 25,47।