हरिद्वार
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विवरण | 'हरिद्वार' उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध धार्मिक नगर है। यह नगर हिन्दुओं की धार्मिक आस्था का प्रमुख केन्द्र है। संपूर्ण हरिद्वार में सिद्धपीठ, शक्तिपीठ और अनेक नए पुराने मंदिर बने हुए हैं। |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | हरिद्वार |
प्रसिद्धि | हिन्दू धार्मिक स्थल |
कब जाएँ | सितम्बर से जून |
हरिद्वार | |
बस, कार, ऑटो आदि | |
क्या देखें | हर की पौड़ी, मनसा देवी मंदिर, माया देवी शक्तिपीठ आदि। |
एस.टी.डी. कोड | 01334 |
संबंधित लेख | गंगाद्वार |
अन्य जानकारी | भारत के पौराणिक ग्रंथों और उपनिषदों में हरिद्वार को 'मायापुरी' कहा गया है। समुद्र मंथन से प्राप्त किया गया अमृत यहाँ गिरा था। इसी कारण हरिद्वार में कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है। |
हरिद्वार हिंदू धार्मिक ग्रंथ की मान्यताओं के अनुसार एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।
- यहाँ भारतवर्ष की पुण्यतोया प्रसिद्ध गंगा नदी बहती है।
- गंगा हिमालय की पुत्री है और सुमेरु की कन्या मेनका इसी की माता बतलायी गयी है।
- ऐसी प्रसिद्धि है कि गंगा पहले स्वर्ग में थी कपिल मुनि ने जब राजा सगर के 60000 पुत्रों को गंगा सागर में भस्म कर दिया था तब राजा भगीरथ अपने तपोबल से गंगाजी को पृथ्वी पर लाये थे तथा इसी से गंगा को ‘भागीरथी’ भी कहते हैं।
- हरिद्वार का उल्लेख महाभारत में अनेक बार आया है। आदिपर्व[1] इसी स्थान पर अर्जुन कैरव्य की कन्या उलूपी से मिले थे तथा पाताल में जाकर उनसे विवाह किया था।
पर्याय-विष्णुपदी, जाही, भागीरथी, त्रिपथगा, अलकनंदा (गंगोत्तरी पहाड़ से निकल अलकनंदा और मंदाकिनी से मिलकर हरिद्वार के पास गिरती है, मंदाकिनी, सुरनदी और भीष्मसू। इसमें साढ़े तीन करोड़ तीर्थ सम्मिलित हैं।
- इन्हें भी देखें: गंगाद्वार
वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 42 |
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