हाटक

हाटक नामक एक देश का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है, जिसमें इसे यक्षों का देश कहा गया है।

  • महाभारत काल में इस देश पर उत्तर दिशा की दिग्विजय के प्रसंग में अर्जुन ने विजय प्राप्त की थी-
"तं जित्वा हाटकं नाम देशं गुह्मकरक्षितम्, पाकशासनिरव्यग्रः सहसैन्यः सभसदत्।"
  • सम्भव है कि यह स्थान महाकवि कालिदास के 'मेघदूत' की 'अलका' के निकट ही स्थित रहा होगा।
  • मानसरोवर यहाँ से समीप ही स्थित था-
"सरोमानसामासाद्यहाटकानभितः प्रभु, गंधर्वरक्षितं देशमजयत् पंडवस्ततः"[2]
  • हाटक तिब्बत में स्थित वर्तमान मानसरोवर और कैलाश का निकटवर्ती प्रदेश था। यहाँ गुह्यकों (यक्षों) तथा गंधर्वों की बस्ती थी।
  • श्री बी. सी. लॉ के मत में हाटक, वर्तमान अटक (पश्चिम पाकिस्तान) है। नं. ला. डे के अनुसार यह हूण देश का नाम है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 28,3
  2. महाभारत, सभापर्व 28,5.

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