वाटधान

Disamb2.jpg वाटधान एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वाटधान (बहुविकल्पी)

वाटधान नामक एक ऐतिहासिक स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है, जो सम्भवत: मध्यमिका और पुष्कर (ज़िला अजमेर, राजस्थान) के निकट स्थित था।[2]

  • पांडव नकुल ने अपनी दिग्विजय यात्रा के दौरान इस पर अधिकार प्राप्त किया था-
'तथा माध्यमिकांश्चैव वाटधानान् द्विजानथ पुनश्च परिवृत्याथ पुष्करारण्यवासिनः।'
  • प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल के मत में यह भटिंडा का इलाका है।[3]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 328
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 839 |
  3. ‘कादंबिनी’ अक्टूबर, 62

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